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मंगलवार, 19 अगस्त 2014

अब वापस बुलवा सेकेंगे भेजा गया ई-मेल


क्या आपने कभी किसी ऐसे व्यक्ति को मेल भेजा है,

 जिसे नहीं भेजना चाहिए था। 

अब अगर मेल किसी दूसरे व्यक्ति को चला भी जाए 

तो इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है।

 अगर आप जीमेल का इस्तेमाल कर रहे हैं,

 तो इसमें ऐसा ऑप्शन है, 

जिसमें दूसरे व्यक्ति को भेजे गए मैसेज को रीकॉल किया जा

सकता था। 

हालांकि मैसेज को रीकॉल के लिए एक निश्चित टाइम होता है।



जानिए कैसे कर सकते हैैं मैसेज को रीकॉल 
..
1. सबसे पहले आप जीमेल के सेटिंग्स ऑप्शन को क्लिक करें।

2. सेटिंग्स पर क्लिक करते ही ड्रॉप डाउन मेन्यू आएगा।

3. सेटिंग्स मेन्यू में आपको जेनरल, लेबल्स, अकाउंट्स जैसे 

मल्टीपल टैब्स दिखेंगे। इसमें लैब्स ऑप्शन पर क्लिक करें।

4. लैब्स सेक्शन सर्च फॉर ए लैब में अनडू सेंड लिखें।

5. सर्च करने के बाद आपको एक सिंगल रिजल्ट मिलेगा- अनडू 

सेंड बाइ यूजो एफ आप इनएबल ऑप्शन पर क्लिक कर इस 

फीचर को एक्टिवेट करें।

6. मेल भेजने के तुरंत बाद अनडू का ऑप्शन दिखेगा, जो पांच 

सेकंड के लिए डिस्प्ले करेगा।

7. अगर पांच सेकंड की अवधि आपको कम लगती है, तो आप इस

 अवधि को बढ़ा भी सकते हैं।

इसके लिए आपको फिर सेटिंग्स पर जाना होगा और सबसे पहले 

टैब जेनरल पर क्लिक करना होगा। आप जब स्क्रॉल डाउन करेंगे,

 तो सेंड कैंसिलेशन पीरियड का ऑप्शन दिखेगा। ड्रॉप डाउन मेन्यू

 का प्रयोग कर आप इसे 30 सेकेंड के लिए सेट कर सकते हैं।


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गुरुवार, 5 जून 2014

नारी का सम्मान

काफी दिनों से लगातार बलात्कार की खबरे पढ़कर मन बहुत विचलित हो गया । मै  कोई बड़े शहर या महानगर से नहीं जबकि एक गाँव से आता हूँ,और यह सब मेरे असहनीय है। हिंदुस्तान में १० किलोमीटर में भाषाएँ और संस्कृति बदल जाती है। अभी कुछ दिन पहले न्यूज़ चैनेल वालो ने एक खबर दिखाई थी जिसकी हेड लाइन थी। मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह जी ने एक छोटी सी बच्ची के लपक कर पैर छुए। खबर की  प्रतिक्रिया तो आनी बाकी थी। प्रतिक्रियाएँ ये आयी  की जो मोदी समर्थक थे उन्होंने कहा ये है जी हिंदुस्तानी सभ्यता ,जबकि बिरोधियो ने कहा ये सब वोट के लिए कर रहे है। एक बात मै  आपको बता दूं कि शिवराज सिंह जी के ऐसा करने से मुझे बिलकुल भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योकि हम बुन्देलखंडियो को ये बचपन से बताया और सिखाया गया है कि बेटा ,बेटी अपनी हो या हरिजन की देवी का रूप होती है , और आज भी जब हमारे घरो में कोई कार्यक्रम होता है तो हम सबसे पहला स्थान उन्ही कन्याओ को देते है। साथ ही हमें उनके पैर छूने में कोई कभी हिचकिचाहट नहीं होती। यहाँ पर जाति के सारे  बंधन टूट जाते है।मै  तो कहता हूँ कि हमारे पूर्वज बड़े दूरदर्शी थे उन्हें पता था की आगे ऐसी घटनाएँ होंगी। आज हमें जरूरत है ऐसे ही संस्कृति की वरना इस समाज का कोई हल बताने वाला नहीं रहेगा।  अब रही बात बलात्कार की तो मेरा मानना है की ये अपराध समाज के ही कुछ ऐसे लोग के क्रिया कलाप है जिनको न तो समाज का डर है और नाही अपने परिवार की चिंता। प्रसाशन की बात मै  नहीं करूंगा , क्योकि इस समय प्रसाशन नाम की न तो कोई चीज है और न ही कोई कोई इनका आका। सब अपनी मर्जी के मालिक है। वरना पुलिस का नाम सुनते ही लोगो की जबान सूख जाया करती थी। लोगो में इतना धैर्य नहीं होता था की वो पुलिस से बात कर सके। आज भी पुलिस वही है ,वही खाकी वही डंडा और वही जीप लेकिन पहले वाली बात नहीं रही। अब लोग काम करना नहीं चाहते,सोचते है हो जायेगा। जब ऊपर से आर्डर आएगा तब जायेंगे। आपको एक वाकया  बताता हूँ। मेरे एक दोस्त पुलिस की भर्ती में जा रहे थे। मैंने उनसे व्यंग किया की यार पुलिस की सैलरी तो बहुत कम है क्यों परेशान हो तो पता है उसने कहा महाराज मई तो इसलिए भर्ती हो रहा हूँ कि मैंने सुना है कि पुलिस में ऊपरी कमाई बहुत है। मैंने सोचा कि  क्या सोच है।  

शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

जाने वेबसाइट को कैसे ब्लॉक करे

आज मै आपको ऐसी ट्रिक दे रहा हूं जिससे आप अपने सिस्टम मे किसी भी वेबसाइट को ब्लॉक कर सकते है। ये एक ऐसा टूल है जो गूगल क्रोम मे आपके लिये दिया गया है। इसका प्रयोग  करके आप उन एडल्ट साइट को भी  ब्लॉक करके बच्चो से दुर कर सकते है। इसका आप अपने ऑफिस में भी  कर सकते है जिससे  आप ऑफिसियल वर्कर को एडल्ट वेबसाइट प्रयोग  करने  से रोक सकते  है। 


इसका प्रयोग करने के कुछ आसान चरण  जिनकों फॉलो करके  आप इसे ब्लॉक कर सकते है। 

१-सबसे पहले गूगल क्रोम ओपन करे और क्रोम मीनू पर क्लिक करे। 


२-इसके बाद Extensions  ऑप्शन पर क्लिक करे और फिर Get more Extensions ऑप्शन पर क्लिक करे। 



३-अब आप सर्च बॉक्स मे उस वेबसाइट को टाइप करे और इण्टर दबाये, इसके बाद बहुत से ADD-ON  सर्च होंगे। नीचे block-साइट ADD-ON  पैर जाकर +FREE  ऑप्शन पर क्लिक करे। 




४-अब आप ADD  ऑप्शन पर क्लिक करके इसे install कर सकते है। 



५-अब आप पहले स्टेप फॉलो करे तो देखेँगे कि Block Site 3.0.2 add-on  इनस्टॉल हो चूका है। 


६-अब आप जनरल ऑप्शन मे जाकर Enable Block Sites Check Box सेलेक्ट करे इसके बाद Blacklist ऑप्शन सेलेक्ट करे। इसमें वेबसाइट url Websites URL (Facebook.com) टाइप करे। जिसे आप ब्लॉक करना चाहते है,  add page  ऑप्शन पर क्लिक करे। 



७-अब आप देखेंगे कि  Facebook.com block list मे add हो चुकी है। अब आप close ऑप्शन पर क्लिक करे। 



इसके बाद अगर आप facebook . com  ओपन करते है तो ये मस्सगे ओपेन होगा। 





गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

धन का सही समय में सदुपयोग करे।

एक गॉव में एक साहूकार रहता था। वह बहुत ही कंजूस था लोगो से ब्याज ले-लेकर उसने काफी धन एकत्र कर रखा था। वह लोगो को मोटी ब्याज दरों पर पैसे दिया करता था। एक बार उसी गॉव के एक बाहुबली को कुछ पैसो कि जरुरत पड़ी। वह साहूकार के पास पैसे मांगने गया। साहूकार देखते ही समझ गया कि ये उसके पास क्यू आ रहा है अतः उसने पहले से तैयारी कर ली। साहूकार के पास जैसे ही वह आया और उसने पैसे मांगे तो साहूकार ने साफ -साफ मना कर दिया। इतना सुनते ही बाहुबली उससे तू -तू  मै -मै  करने लगा और शाम को दोबारा लोगो के साथ आने की  धमकी दी।
                                            

इधर साहूकार ने भी अपनी तरफ से भी दो-चार लोगो को बुला लिया। इधर शाम होते ही बाहुबली अपने ५०-६० लोगो के साथ आ धमका। सभी लोग असलहो से लैश थे। इतने सारे आदमियो को देखकर साहूकार के लोग भाग खड़े हुए। सारे लोगो ने साहूकार को बुरी तरह पीटा और उसका बहुत सा धन लूट कर उसे बोरो में भर लिया।

बाहुबली ने धन लूटने के साथ साहूकार को गोली मार दी। गोली लगने के बाद साहूकार बुरी तरह घायल हो गया। लोगो ने जल्दी से गॉव के बैद्य को बुलाया। बैद्य ने शरीर में गोली घुसी देखकर साहूकार को अस्पताल में जाने की सलाह दी,लेकिन साहूकार ने बैद्य से कहा कि उसका बहुत सा धन तो डकैत ले गए अब वह और धन खर्च नहीं कर सकता। बैद्य ने उसको एक दो दर्द कम करने वाली  दवा दी और चला गया।

इधर गोली का जहर पुरे शरीर में फैल गया और साहूकार की मौत हो गयी। और उसका बचा धन गॉव वालो ने लूट लिया।

सीख-धन का संचय करो लेकिन उसका सही समय में सदुपयोग करे।

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सोमवार, 27 जनवरी 2014

जादुई घड़ा

एक गरीब युवक, अपनी गरीबी से परेशान होकर,
अपना जीवन समाप्त करने नदी पर गया, वहां एक
साधू ने उसे ऐसा करने से रोक दिया।
साधू ने, युवक की परेशानी को सुन कर कहा, कि मेरे
पास एक विद्या है, जिससे ऐसा जादुई घड़ा बन
जायेगा जो भी इस घड़े से मांगोगे, ये जादुई
घड़ा पूरी कर देगा, पर जिस दिन ये घड़ा फूट गया,
उसी समय, जो कुछ भी इस घड़े ने दिया है, वह
सब गायब हो जायेगा।



                                                           




अगर तुम मेरी 2 साल तक सेवा करो, तो ये घड़ा,
मैं तुम्हे दे सकता हूँ और, अगर 5 साल तक तुम
मेरी सेवा करो, तो मैं, ये घड़ा बनाने
की विद्या तुम्हे सिखा दूंगा। बोलो तुम क्या चाहते
हो,
युवक ने कहा, महाराज मैं तो 2 साल ही आप
की सेवा करना चाहूँगा , मुझे तो जल्द से जल्द, बस
ये घड़ा ही चाहिए, मैं इसे बहुत संभाल कर रखूँगा,
कभी फूटने ही नहीं दूंगा।
इस तरह 2 साल सेवा करने के बाद, युवक ने
वो जादुई घड़ा प्राप्त कर लिया, और अपने घर
पहुँच गया।
उसने घड़े से अपनी हर इच्छा पूरी करवानी शुरू कर
दी, महल बनवाया, नौकर चाकर मांगे,
सभी को अपनी शान शौकत दिखाने लगा,
सभी को बुला-बुला कर दावतें देने लगा और बहुत
ही विलासिता का जीवन जीने लगा, उसने शराब
भी पीनी शुरू कर दी और एक दिन नशें में, घड़ा सर
पर रख नाचने लगा और ठोकर लगने से घड़ा गिर
गया और फूट गया.
घड़ा फूटते ही सभी कुछ गायब हो गया, अब युवक
सोचने लगा कि काश मैंने जल्दबाजी न की होती और
घड़ा बनाने की विद्या सीख ली होती, तो आज मैं,
फिर से कंगाल न होता।
" ईश्वर हमें हमेशा 2 रास्ते पर रखता है एक
आसान -जल्दी वाला और दूसरा थोडा लम्बे समय
वाला, पर गहरे ज्ञान वाला, ये हमें चुनना होता है
की हम किस रास्ते पर चलें "
" कोई भी काम जल्दी में करना अच्छा नहीं होता,
बल्कि उसके विषय में गहरा ज्ञान
आपको अनुभवी बनाता है "

रविवार, 26 जनवरी 2014

आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें :जाने गणतंत्र दिवस के बारे

गणतंत्र दिवस (Republic Dayभारत में 26 जनवरी को मनाया जाता है और यह भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। हर वर्ष 26 जनवरी एक ऐसा दिन है जब प्रत्‍येक भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्‍नेह भर उठता है। ऐसी अनेक महत्त्वपूर्ण स्‍मृतियां हैं जो इस दिन के साथ जुड़ी हुई है। 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और इस प्रकार यह सरकार के संसदीय रूप के साथ एक संप्रभुताशाली समाजवादी लोक‍तांत्रिक गणतंत्र के रूप में भारत देश सामने आया। भारतीय संविधान, जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्‍व करने वाले पर्याप्‍त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्‍साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्‍ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्‍वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्‍होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती।


भारत के संविधान को लागू किए जाने से पहले भी 26 जनवरी का बहुत महत्त्व था। 26 जनवरी को विशेष दिन के रूप में चिह्नित किया गया था, 31 दिसंबर सन् 1929 के मध्‍य रात्रि में राष्‍ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल करते हुए लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हु‌आ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की ग‌ई कि यदि अंग्रेज़ सरकार 26 जनवरी, 1930 तक भारत को उपनिवेश का पद (डोमीनियन स्टेटस) नहीं प्रदान करेगी तो भारत अपने को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा।


राष्‍ट्रीय ध्‍वज




26 जनवरी, 1930 तक जब अंग्रेज़ सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इस लाहौर अधिवेशन में पहली बारतिरंगे झंडे को फहराया गया था परंतु साथ ही इस दिन सर्वसम्मति से एक और महत्त्वपूर्ण फैसला लिया गया कि प्रतिवर्ष 26 जनवरी का दिन पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन सभी स्वतंत्रता सेनानी पूर्ण स्वराज का प्रचार करेंगे। इस तरह 26 जनवरी अघोषित रूप से भारत का स्वतंत्रता दिवस बन गया था। उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।

शनिवार, 25 जनवरी 2014

यहाँ मिलेगा आपको हर समस्या का समाधान ?

मित्रो आप सभी को मेरा सादर नमस्कार। आज मै  आपके लिए एक ऐसी वेबसाइट लाया हूँ। जिससे क्लिक करते ही आप अपने किसी भी प्रश्न का उत्तर पा  सकते है ,या ये कह सकते है कि आप यहाँ कुछ भी पूंछ सकते है। 





अपना प्रश्न करने के लिए यहाँ क्लिक करे। 

शुक्रवार, 24 जनवरी 2014

उसके पास तीन आँखे और चार हाथ थे ?

सुनकर आप थोड़े हैरान हो सकते हैं। लेकिन बात पक्की है कथा आज की नहीं बल्कि पुरानी है और इसका उल्लेख पुराणों में है। चेति देश के राजा शिशुपाल के पास चार हाथ और तीन आँखे थी। 



                                             



शिशुपाल कृष्ण की बुआ का लड़का था। दमघोष के कुल में जब शिशुपाल का जन्म हुआ तब उसके तीन नेत्र तथा चार भुजाएं थीं। वह गधे की तरह रो रहा था। माता-पिता त्रस्त होकर उसका परित्याग कर देना चाहते थे। तभी आकाशवाणी हुई कि बालक बहुत वीर होगा तथा उसकी मृत्यु का कारण वह व्यक्ति होगा जिसकी गोद में जाने पर बालक अपने भाल-स्थित नेत्र तथा दो भुजाओं का परित्याग कर देगा। उसके जन्म के विषय में जानकर अनेक राजा उसे देखने आये। शिशुपाल के पिता ने बारी-बारी से सभी की गोद में बालक दिया। अंत में शिशुपाल के ममेरे भाई श्रीकृष्ण की गोद में जाते ही उसकी दो भुजाएं पृथ्वी पर गिर गयीं तथा ललाटवर्ती नेत्र ललाट में विलीन हो गया। बालक की माता ने दुखी होकर श्रीकृष्ण से उसके प्राणों की भीख मांगी। श्रीकृष्ण ने उसके सौ अपराध क्षमा करने का वचन दिया। कालांतर में शिशुपाल ने अनेक बार अपराध किये तथा गोविंद ने उसे क्षमा किया।

                                               

युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के लिए आमन्त्रण मिलने पर सभी राजा इन्द्रप्रस्थ में इकट्ठा हुए। आमन्त्रित अतिथियों में भीष्म की आज्ञा से युधिष्ठिर ने सर्वप्रथम श्रीकृष्ण को अर्ध्य समर्पित किया (श्रीकृष्ण की अग्रपूजा की)। यह देखकर शिशुपाल को बहुत क्रोध आया। उसने कहा कि कृष्ण वृष्णिवंशी हैं, कहीं के राजा नहीं। सर्वप्रथम उन्हें अर्ध्य अर्पित करने पर शेष सबका अपमान होता है। सबके समझाने पर भी शिशुपाल अपनी बात पर अड़ा रहा तथा कुछ राजाओं के साथ वहां से चले जाने की धमकी भी देने लगा। अंत में उसने कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। कृष्ण ने सबके सम्मुख, यह स्पष्ट करते हुए कि वे शिशुपाल के सौ अपराध पहले ही क्षमा कर चुके हैं और यह उसका एक सौ एकवां अपराध है, उसे सुदर्शन चक्र से मार डाला। शिशुपाल के मृत शरीर का परित्याग कर एक प्रकाश-पुंज आकाश की ओर उठा। उस प्रकाश-पुंज ने श्रीकृष्ण को प्रणाम किया तथा फिर उन्हीं में विलीन हो गया।पांडवों ने शिशुपाल का अंत्येष्टि संस्कार किया तथा उसके पुत्र का राज्याभिषेक किया।

मंगलवार, 21 जनवरी 2014

क्या आप जानते है चिट्ठी पर क्यों जरूरी होता है पिनकोड ?




                                 


क्या आप जानते है कि पिनकोड क्या है और इसका उपयोग किसलिए होता है। 
डाक से भेजे जाने वाले लिफाफे ,अंतर्देशीय या पोस्टकार्ड्स आदि में पते के स्थान पर एक छोटा आयताकार बॉक्स बना होता है। यह बॉक्स छः हिस्सो में बटा होता है ,जिसमे अंक भरे जाते है। डाक विभाग के लिए ये छः नंबर अहम् होते है,जिन्हे पिन कोड कहते है। 
                        

                              




पिनकोड,विशेष कोड़ होता है, जो डाक वितरण करने वाले डाक घरो को आवंटित किये जाते है। अगर पत्र या डाक में पते के साथ पिनकोड लिखा होता है ,जिससे पत्र जल्दी पहुचना निश्चित हो जाता है। 


  • पिनकोड का पहला अंक एक खास क्षेत्र या राज्य को दर्शाता है।
  • दूसरा और तीसरा मिलकर उस क्षेत्र को दर्शाता है,जहाँ वितरण करने वाला डाक घर स्थित है। 
  • बाद के तीन अंक उस डाकघर को दर्शाते है,जहाँ डाक का वितरण होना है।  
पिनकोड से पहले वितरण क्षेत्र प्रणाली थी। इसके तहत हर वितरण डाकघर को एक विशिष्ट संख्या दी गयी थी। इसे कई बड़े में लागु किया गया था। 

१ अप्रैल,१७७४ को जब डाक की सुबिधाये जनता को उपलब्ध करायी गई,उस समय तीन डाक cercle थे - बंगाल,मुम्बई और मद्रास। 

भारत में १५ अगस्त,१९७२ में वर्तमान पिनकोड सिस्टम कि शुरुआत हुई। इस समय देश में ९ पिन कोड रीज़न है। इससे पहले रीसनल सिस्टम लागु था,जिसे १९४६ में शुरु किया गया। इसे वितरण क्षेत्र संख्या प्रणाली कहा जाता है।