क्या आप जानते है कि पिनकोड क्या है और इसका उपयोग किसलिए होता है।
डाक से भेजे जाने वाले लिफाफे ,अंतर्देशीय या पोस्टकार्ड्स आदि में पते के स्थान पर एक छोटा आयताकार बॉक्स बना होता है। यह बॉक्स छः हिस्सो में बटा होता है ,जिसमे अंक भरे जाते है। डाक विभाग के लिए ये छः नंबर अहम् होते है,जिन्हे पिन कोड कहते है।
पिनकोड,विशेष कोड़ होता है, जो डाक वितरण करने वाले डाक घरो को आवंटित किये जाते है। अगर पत्र या डाक में पते के साथ पिनकोड लिखा होता है ,जिससे पत्र जल्दी पहुचना निश्चित हो जाता है।
- पिनकोड का पहला अंक एक खास क्षेत्र या राज्य को दर्शाता है।
- दूसरा और तीसरा मिलकर उस क्षेत्र को दर्शाता है,जहाँ वितरण करने वाला डाक घर स्थित है।
- बाद के तीन अंक उस डाकघर को दर्शाते है,जहाँ डाक का वितरण होना है।
१ अप्रैल,१७७४ को जब डाक की सुबिधाये जनता को उपलब्ध करायी गई,उस समय तीन डाक cercle थे - बंगाल,मुम्बई और मद्रास।
भारत में १५ अगस्त,१९७२ में वर्तमान पिनकोड सिस्टम कि शुरुआत हुई। इस समय देश में ९ पिन कोड रीज़न है। इससे पहले रीसनल सिस्टम लागु था,जिसे १९४६ में शुरु किया गया। इसे वितरण क्षेत्र संख्या प्रणाली कहा जाता है।
1 टिप्पणी:
आपकी दी हुई जानकारी से डाकविभाग की वितरण प्रणाली के बारे में ज्ञात हुआ ध्नयवाद
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