जैसे ही डॉक्टर operation theatre से बाहर आये. दामिनी ऊठ खड़ी हुई, और पूछने लगी:
“कैसा है अब वो, मेरा बेटा ठीक है न? वो ठीक तो हो जायेगा न? मैं उससे कब मिल सकती हूँ?”
इतने सारे सवालों की डॉक्टर को पहले से ही उम्मीद थी, उन्हें कई बार ये सब पहले भी अनुभव करना पड़ा था.
डॉक्टर ने कहा, “मैं..माफ़ी चाहता हूँ, हमने वो हर प्रयास किया जो कर सकते थे, मगर बच्चा सह नहीं पाया. he is no more..”
दामिनी तो जैसे टूट ही गयी थी, पर उसे इस बात का पहले से अंदेशा था. उसके आंसू निकल रहे थे, और वो कांप रही थी… “ आखिर बच्चो को cancer कैसे हो सकता है? क्या भगवान को अब चिंता नहीं बची है किसी की, क्या बच्चे उन्हें प्यारे नहीं रह गए अब? कहा थे भगवान आप? कहा थे जब मेरे बच्चे को आपकी सबसे ज्यादा जरुरत थी ?…”
डॉक्टर ने दामिनी से पूछा, “ क्या आप उसके साथ थोडा अकेले में बेठना चाहेगी? थोड़ी देर बाद एक nurse आकर उसकी body university में ले जाने का प्रबंध करेगी.”
दामिनी ने एक nurse को उसके साथ रहने को कहा, जब वो अपने बेटे को आखरी बार मिलने वाली थी, उसे विदाई देने वाली थी…दामिनी उसके पास जाकर बैठ गयी…और धीरे धीरे अपनी उंगलियों को उसके काले बालो में घुमाने लगी…उसके आंसू वेसे ही नहीं रुख रहे थे…शायद उसे किसी चमत्कार की आशा थी…जिससे वो उठ खड़ा हो..
“आपका बेटा, इतनी कम उम्र में भी बहुत ही जागरूक था, और समझदार भी. बहुत कम लोग इतनी बहादुरी से सामना करते है….”
अब उससे रुका नहीं गया, वो उसके बेटे पर गर्व करती थी… “ ये नमन का ही विचार था की उसकी body university में डोनेट कर दी जाये, research के लिए, मैंने पहले मना कर दिया था…पर वो ज्यादा जानता था…उसने कहा, ‘ माँ, मैं इसे बाद में कहा use करने वाला हूँ…शायद ये किसी और बच्चे को उसकी माँ के साथ एक और दिन बिताने में मदद कर दे… शायद doctors को मेरी body से कुछ हेल्प मिले…” वो बोलती रही.. “मेरे बेटे का दिल सोने का था, हमेशा दुसरो के बारे में सोचता था…दूसरो की मदद करना चाहता था…”
दामिनी कुछ देर बाद उस हॉस्पिटल से चली गयी, पिछले 6 महीने उसने उसी जगह बिताये थे…उसने नमन की सारी चीजों को बैग में रखकर, उसे अपने पास वाली सीट पर रख लिया…घर जाना उसके लिए कठिन था, और भी ज्यादा कठिन था अपने घर में अकेले कदम रखना…
घर जाते ही उसने, नमन की सारी चीजों को उसके कमरे में उसी तरह रख दिया जिस तरह वो जमाता था…वो उसके बेड पर लेट गयी, उसके तकिये को सीने से लगाते हुए…रोती रही जब तक उसकी आँख नहीं लगी…
पर आधी रात को ही उसकी नींद खुल गयी, दुःख उसे घेरे हुए था..केसे जियेगी अब वो…क्या करेगी?
तभी उसे तकिये के निचे कुछ महसूस हुआ, कुछ कागज़ था वो…पहले नहीं था वहां..कैसे आया उसे नहीं पता था…
उस मुड़े हुए कागज़ को उसने खोला… एक letter था वो…उसमे लिखा था :
” प्यारी माँ,
मुझे पता है, आप मुझे बहुत miss कर रही है, आप हमेशा मुझे याद करेगी; पर ऐसा मत समझना की मैं आपको भूल जाउगा, या आपको प्यार करना बंद कर दूंगा…वो भी सिर्फ इसलिए क्योकि मैं आपके साथ नहीं हूँ आपको I LOVE YOU कहने के लिए .मैं आपको हमेशा प्यार करुगा माँ, मेरा प्यार हर दिन बढ़ता ही रहेगा…
किसी दिन हम फिर से मिलेगे, पक्का…हाँ, अगर तब तक आप किसी छोटे लड़के को adopt करने का सोचे, ताकि आप अकेला feel न करे, तो मुझे उससे कोई problem नहीं है…वो मेरा room भी use कर सकता है और पुरानी चीज़े भी खेलने के लिए. मगर, अगर आप किसी छोटी लड़की को adopt करना चाहो तो थोडा अलग होगा. शायद उस छुटकी को मेरा सामान पसंद न आये..क्योकि वो लड़की होगी न, u know.. आपको उसे dolls और दूसरी चीज़े दिलानी पड़ेगी, जो girls को पसंद हो, आप समझ रही होगी… आप उदास मत हो please..
अरे हां, ये बहुत ही अच्छी जगह है..मुझे तो नाना-नानी भी मिले, और मुझे यहाँ घुमाया भी, पर मुझे पूरा एडजस्ट होने में टाइम लगेगा.. और यहाँ की परिया भी बहुत अच्छी है.. यहाँ तो लड़के भी angels भी है. उन्हें उड़ते हुए देख कर अच्छा लगता है.. अरे आपको यकीन नहीं होगा mumma, मैं तो भागवान से भी मिला.. और वो अपनी किसी भी फोटोज या मूर्तियों जैसे नहीं दिखते है…पर फिर भी मैं उन्हें पहचान गया की ये वही है, भगवान..तुम्हे तो बहुत अच्छे से जानते है वो.. मैं तो उनके साथ बैठा भी था..और बातें भी की जैसे मैं कोई बहुत important हूँ..बहुत मजा आया. और तभी मैंने उनसे कहा की मुझे तुमे एक letter लिखना है..ताकि तुम्हे एक good-bye बोल सकू…रोना मत..please माँ..
पर मुझे पता था की यहाँ allowed नहीं है. पर फिर भी माँ, तुम्हे पता है क्या हुआ? God ने मुझे कुछ कागज़ दिए, और उनका personal pen भी दिया. ताकि मैं तुम्हे लिख सकू.. ठीक से याद तो नहीं, पर शायद गीता नाम की angel तुम्हे ये ख़त पहुंचाएगी… भगवान ने मुझसे कहा की तुम्हे तुम्हारे एक question का जवाब भी लिखना है..जो तुमने उनसे पूछे थे, की कहा थे वो जब मुझे उनकी सबसे ज़्यादा जरुरत थी.. “ भगवान ने कहा वो मेरे साथ वही पर थे, हमेशा होते है अपने बच्चो के साथ ही..jesus के साथ भी थे..जब उन्हें cross पर सजा दी गई थी… और मेरे साथ भी थे..सबके साथ ही होते है हमेशा..”
अरे हाँ, मैं आपको बताना भूल गया, माँ, आपके अलावा जो मैंने लिखा है, वो और कोई नहीं पढ़ सकता. दुसरो के लिए तो ये बस एक कोरा कागज़ है. Isn’t that cool?
अब मुझे भगवन को ये pen वापिस करना पड़ेगा. उन्हें अपनी Book Of Life में कुछ और नाम लिखने है. आज तो मैं सबके साथ मिलकर खाना भी खाने वाला हूँ..और delicious ही होगा एसा मुझे लगता है
Oh, मैं भूल ही जाता बताना आपको. अब मुझे दर्द नहीं हो रहा है. The cancer is all gone. मुझे अच्छा लग रहा है क्योकि मुझे दर्द नहीं हो रहा है, और तुम्हे भी अब तकलीफ नहीं होगी…मैं तो दर्द सह नहीं सकता था..और भगवान भी मुझे इसे दर्द सहते हुए देख नहीं पा रहे थे…इसलिए ही तो Angel of Mercy को भेजा मुझे लेने के लिए…angel ने कहा मैं एक special delivery था..
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