सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन अचानक ही बिजली कड़कने लगी और देखते – देखते घनघोर वर्षा होने लगी , बेमौसम आई बारिश से ठण्ड भी बढ़ गयी और सभी जानवर अपने -अपने घरों की तरफ भागने लगे . सुगरी भी तेजी दिखाते हुए अपने घोंसले में वापस आ गई , और आराम
करने
लगी . उसे
आये
अभी कुछ ही वक़्त
बीता
था कि एक बन्दर
खुद को बचाने
के लिए पेड़
के नीचे
आ पहुंचा
.
दोस्तों, ऐसा बहुत बार होता है कि लोग मुसीबत में पड़ेव्यक्ति की मदद कतरने की बजाये उसे दुनिया भर की नसीहत देने लगते हैं.वयस्क होने के नाते हर कोई अपनी इस्थिति के लिए खुद जिम्मेदार है. हमएक शुभचिंतक के रूप में उसे एक-आध बार सलाह तो दे सकते हाँ पर उसकी किसीकमी के लिए बार कोसना हमें सुगरी चिड़िया की हालत में पंहुचा सकता है.इसलिए किसी मुश्किल में पड़े व्यक्ति की मदद कर सकते हैं तो करिए पर उसेबेकार के उपदेश मत दीजिये.
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